सोने का त्रिशूल कमंडल पित्तल दा |
कैसा सोहना रूप है भोले शंकर का |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरी जटो में गंगा साजे |
तेरी जटो में गंगा साजे वो बड़ी प्यारी लागे |
कमंडल पित्तल दा, |
कैसा सोहना रूप है भोले शंकर का |
सोने का त्रिशूल कमंडल पित्तल दा |
कैसा सोहना रूप है भोले शंकर का |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरे माथे पे चंदा साजे |
तेरे माथे पे चंदा साजे, वो बड़ा प्यारा लागे |
कमंडल पित्तल दा |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरे गले में नाग विराजे |
तेरे गले में नाग विराजे वो बड़े प्यारे लागे |
कमंडल पित्तल दा |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरे कानों में कुंडल साजे |
तेरे कानों में कुंडल साजे वो बड़े प्यारे लागे |
कमंडल पित्तल दा |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरे तन पे मृगशाला साजे |
तेरे तन पे मृगशाला साजे वो बड़ी प्यारी लागे |
कमंडल पित्तल दा |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरे संग में गौरा साजे |
तेरे संग में गौरा साजे, वो बड़ी प्यारी लागे |
कमंडल पित्तल दा |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरी गोदी मैं गणपति साजे |
तेरी गोदी मैं गणपति साजे, वो बड़े प्यारे लागे |
कमंडल पित्तल दा |
मैं जब जब तुमको देखूं, तेरे चरणों मैं नंदी साजे |
तेरे चरणों मैं नंदी साजे वो बड़ा प्यारे लागे |
कमंडल पित्तल दा |
Thursday 27 March 2014
सोने का त्रिशूल कमंडल पित्तल दा
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