शिव की करो आराधना | |
सुनते हैं वो हर प्रार्थना || |
वो सब के पालनहारे हैं, श्रृष्टि के रचना कार हैं | |
उनकी शरण मे जो गया, उस भक्त का उधार है | |
चरणों मे उनके बैठना, हाथो से उनको थामना || |
भोले हैं वो प्यारे भी हैं, सब देव मे न्यारे भी है | |
माना गले मे सर्प भी, त्रिशूल वो थामें भी हैं | |
त्रिदेव हैं, त्रिनेत्र हैं, जाने वो सब की भावना || |
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