दर दा भिखारी शम्बू, मैनू ठुकरावीं ना । |
जग ने रुलाया शम्बू, तू वी रुलावी ना ॥ |
चाँद ते सितारे तेरी आरती उतारदे, |
गांदे ने गीत भोले नित्त तेरे प्यार दे । |
दासां तो उदास होके, दर तों उठावी ना, |
जग ने रुलाया शम्बू, तू वि रुलावी ना ॥ |
धी पुत्त सो सो गलतीयां करदे, |
माँ बाप ज़रा वी ना वलवला करदे । |
गलतियाँ मेरिया नु, दिल ते लावी ना, |
जग ने रुलाया शम्बू, तू वि रुलावी ना ॥ |
तेरा दर छोड़ के कहदे दर जावां, |
जग है पराया, किसे अपना बनावा । |
सारे दर के छोड़ के मैं तेरा दर मलेआ, |
जग ने रुलाया शम्बू, तू वि रुलावी ना ॥ |
Saturday 29 March 2014
दर का भिखारी शम्बू मुझे ठुकराना ना
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