मंगलकारी शिव का नाम । |
चरण हैं शिव के सुख का धाम ॥ |
पात पात में वो घाट में, फैली उनकी माया । |
जिस के मन में वो बस जाए, मंदिर बनती काया । |
जिस पर शिव जी कृपा करते, बनते काम तमाम ॥ |
वो ही जगत का करता धर्ता, वो ही जग के सवामी । |
भक्त जनों के मन की जाने, वो ही अन्तर्यामी । |
उनकी शरण में जा के मनवा, पाता है विश्राम ॥ |
No comments:
Post a Comment